god is one

‘‘मानव जीवन की आम धारणा’’जब तक यथार्थ आध्यात्मिक ज्ञान नहीं होता तो जन-साधारण की धारणाहोती है कि :-1ण् बड़ा होकर पढ़-लिखकर अपने निर्वाह की खोज करके विवाह कराकरपरिवार पोषण करेंगे। बच्चों को उच्च शिक्षा तक पढ़ाऐंगे। फिर उनको रोजगारमिल जाए। उनका विवाह करेंगे। परमात्मा संतान को संतान दे। फिर हमाराकर्तव्य पूरा हुआ। कई बार गाँव या गवांड (पड़ौसी गाँव) के वृद्ध इकट्ठे होते तोआपस में कुशल-मंगल जानते तो एक ने कहा कि परमात्मा की कृपा से दो लड़केतथा दो लड़की हैं। कठिन परिश्रम करके पाला-पोसा तथा पढ़ाया, विवाह करदिया। सब के सब बेटा-बेटियों वाले हैं। मेरा कार्य पूर्ण हुआ। 75 वर्ष का हो गयाहूँ। अब बेशक मौत हो जाए, मेरा जीवन सफल हुआ। वंश बेल चल पड़ी, संसारमें नाम रहेगा।विवेचन :- उपरोक्त प्रसंग में जो भी प्राप्त हुआ, वह पूर्व निर्धारित संस्का

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