तत्व ज्ञान
समाधान :- परमेश्वर कबीर जी ने बताया है कि :-यौन उत्पीड़न के प्रेरक :- फिल्में, जिनमें नकली, बनावटी कहानियाँ तथाअदाऐं दिखाई जाती हैं जिनको देखकर जवान बच्चे उसी की नकल करके बेशर्महोने लगते हैं। जैसी गतिविधि फिल्म में दिखाई जाती है, वैसी गतिविधि न घर में,न गली में, न सभ्य समाज में की जा सकती हैं। तो उनको देखने का उद्देश्य क्यारह जाता है? कुछ नहीं। केवल बहाना है मनोरंजन। वही मनोरंजन समाज नाशका मूल कारण है। मेरे (लेखक के) अनुयाई बिल्कुल भी फिल्म नहीं देखते।अश्लील रागनी, फिल्मी गाने, सांग (स्वांग) तथा अश्लील चर्चा जो निकम्मेयुवा करते हैं। उनकी संगत में अच्छे युवा भी प्रेरित होकर बकवाद करने लग जातेहैं। कबीर परमेश्वर जी ने कहा है कि :-कथा करो करतार की, सुनो कथा करतार।काम (ैमग) कथा सुनों नहीं, कह कबीर विचार।।भावार्थ :- कबीर परमेश्वर जी ने समझाया है कि या तो परमात्मा की महिमाका गुणगान (कथा) करो या कहीं परमात्मा की चर्चा (कथा) हो रही हो तो वहसुनो। काम यानि अश्लील चर्चा कभी न सुनना। कबीर जी ने यह विचार यानि मतबताया है।
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